शुक्रवार, 29 जुलाई 2011

सांप्रदायिक हिंसा बिल या देश तोड़ने की साजिश ?

इन दिनों देश में एक बिल की बड़ी चर्चा है जिसे  कांग्रेस सरकार ने साम्प्रदायिक हिंसा बिल का नाम दिया है इस विधेयक की जो मूल अवधारणा रखी गई है अगर लागु हो जाती है तो देश को टुकड़े में विभाजित होने से कोई रोक नहीं सकता एक तो यह देश की संघीय ढाचे  पर प्रहार है दूसरा राज्यों में सीधे  तौर  पर केंद्र  का हस्तछेप हो जायेगा .आखिर क्या है इस विधेयक में यह भी जानना अत्यंत आवश्यक है कांग्रेस की मुश्लिम तुष्टिकरण की निति इस विधेयक के जन्म का कारन बनी है और इसका साफ तौर पर लक्ष्य है लक्षित हिंसा को रोकना और   हिन्दुओ द्वारा मुश्लिम वर्ग पर की जाने वाली हिंसा से बचाना अर्थात यदि कोई हिन्दू मुश्लिम वर्ग  पर कोई जुल्म करता है तो बिना जाच के ही उसपर मुकदमा कर दिया जायेगा चाहे उसकी बातो में कोई सच्चाई हो या नहीं यही नहीं विधयेक के मसौदे  के अनुसार यदि किसी समूह की सद्श्य  के कारन जन बुझ कर किसी नागरिक के खिलाफ ऐसा कृत किया जाये जो  राष्ट्र के सेकुलर तानेबाने को नष्ट करने वाला हो तो केंद्र सीधे तौर पर राज्यों में हस्तछेप  कर सकता है तो अगर यह बिल २००२ में पास हो गया होता तो क्या  गोधरा में मरने वाले 59  कार सेवको को न्याय मिल पता यही नहीं आज देश के ३५ राज्यों में से एक दर्जन राज्य मुश्लिम बहुल या फिर इसाई बहुल हो गए है और इन राज्यों में बड़े पैमाने पर हिन्दू निशाने पर है और तो और अन्य राज्यों में भी बड़े पैमाने पर आज तक जो हिंसा हुई है उसके मुख्य कारन मुश्लिम   समुदाय ही रहे है उनके द्वारा ही पहले दंगे किये गए है.प्रस्तावित कानून के मसौदे के अनुसार पीड़ित की व्याख्या मुश्लिम समुदय के रूप में की गई है और किसी भी प्रकार की छति चाहे आर्थिक ,सामाजिक या फिर कुछ और सभी का जिम्मेवार हिन्दू को माना गया है और इस कानून को तैयार  करने वाले  है सोनिया गाँधी की राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् तथा हिन्दू विरोधी मंशिकता वाले  वो लोग है जो अपने आप को सेकुलर कहलाने में गर्व मह्सुश करते है  .यह कहना गलत नहीं होगा की जो कानून बनाया जा रहा है वो पूरी तरह से हिन्दू विरोध पर टिका है और इस कानून के जरिये हिन्दुओ को निशाना बनाने की साजिश रची जा रही है अगर इस विधयेक के सूत्रधार अपने कार्यो में सफल हो जाते है तो भारत की एकता और अखंडता खतरे में पड़ जाएगी इस बात की भी जाच होनी चाहिए की किन परिस्थतियो में इस बिल को बनाने की आवश्यकता आन पड़ी जबकि आज मुसलमान पाकिस्तान और बंगलादेश से अधिक सुरक्षित हिंदुस्तान में है. तो क्या कांग्रेस को वोट बैंक की राजनीती इतनी निम्न स्तर पर पहुच चुकी है की बहुसंख्यको के हितो पर प्रहार कर वो सत्ता की मलाई चखना चाहती है इस बिल का पुरे भारत में बड़े पैमाने पर विरोध किया जाना चाहिए जिससे की हिन्दू हितो पर कुठराघात को रोक जा सके नहीं तो जिस तरह से औरंगजेब के साशन काल में हिन्दू पर अत्याचार हुए पुनह कांग्रेस के साशन काल में दोहराए जायेंगे ............जागो भारत जागो 

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